
बिहार की सबसे युवा विधायक बनीं मैथिली ठाकुर
बिहार की राजनीति में एक नया इतिहास रच दिया गया है। Maithili Thakur ने अलीनगर सीट से जीत हासिल कर महज 25 साल की उम्र में बिहार की सबसे युवा विधायक बनने का गौरव प्राप्त किया है। यह जीत केवल एक चुनावी सफलता नहीं है, बल्कि एक लोक गायिका से राजनेता बनने की प्रेरणादायक कहानी है। मैथिली ठाकुर ने अलीनगर सीट पर RJD के बिनोद मिश्रा को हराकर यह ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की।
संगीत की दुनिया से राजनीति का सफर
मैथिली ठाकुर का जन्म 25 जुलाई 2000 को बिहार के मधुबनी जिले के बेनीपट्टी में हुआ था। उनके पिता रमेश ठाकुर एक संगीत शिक्षक हैं और मां भारती ठाकुर गृहिणी हैं। मैथिली ठाकुर का संगीत से नाता बचपन से ही जुड़ा रहा है। उन्होंने अपने दादा और पिता से हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत और मैथिली लोक संगीत की शिक्षा प्राप्त की।
टेलीविजन रियलिटी शो से मिली पहचान
मैथिली ठाकुर ने 2015 में इंडियन आइडल जूनियर में भाग लिया और 2017 में राइजिंग स्टार सीजन 1 में पहली फाइनलिस्ट बनीं। यह उनके करियर का टर्निंग पॉइंट साबित हुआ। राइजिंग स्टार में उन्होंने “ॐ नमः शिवाय” गाकर सीधे फाइनल में एंट्री की और रनर-अप बनीं, केवल दो वोटों से हार गईं। इस शो के बाद उनकी इंटरनेट पर लोकप्रियता काफी बढ़ गई।
2016 में उन्होंने “आई जीनियस यंग सिंगिंग स्टार” प्रतियोगिता जीती, जिसके बाद यूनिवर्सल म्यूजिक के तहत उनका एल्बम “या रब्बा” रिलीज हुआ। यूट्यूब और फेसबुक पर उनके वीडियो को लाखों व्यूज मिले और वह एक जाना-माना नाम बन गईं।
राजनीति में कदम
अक्टूबर 2025 में मैथिली ठाकुर ने औपचारिक रूप से भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल हुईं और अलीनगर विधानसभा क्षेत्र से टिकट प्राप्त किया। यह निर्णय कई लोगों के लिए आश्चर्य का विषय था क्योंकि मैथिली ठाकुर का कोई राजनीतिक बैकग्राउंड नहीं था। लेकिन उनकी सांस्कृतिक पहचान और युवाओं के बीच लोकप्रियता ने BJP को उन्हें टिकट देने के लिए प्रेरित किया।
अलीनगर सीट पर ऐतिहासिक जीत
मैथिली ठाकुर ने अलीनगर विधानसभा क्षेत्र से 84,915 वोट हासिल कर 11,730 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की। उन्होंने RJD के अनुभवी नेता बिनोद मिश्रा को हराया, जो पहले भी इस सीट से चुनाव हार चुके थे। इस जीत ने अलीनगर की राजनीति में एक पीढ़ीगत बदलाव को दर्शाया और बिहार के राजनीतिक परिदृश्य में युवा, जमीनी स्तर से जुड़े उम्मीदवारों के बढ़ते प्रभाव का संकेत दिया।
अलीनगर एक ग्रामीण क्षेत्र है जहां बुनियादी ढांचे की कमी और विकास की समस्याएं हैं। मैथिली ठाकुर ने अपने चुनाव अभियान में खुद को एक युवा, सांस्कृतिक रूप से जुड़े व्यक्तित्व के रूप में प्रस्तुत किया और तेजी से विकास का वादा किया।
चुनाव अभियान की खासियतें
मैथिली ठाकुर ने अपने चुनाव अभियान में मिथिला की बेटी के रूप में अपनी पहचान को मजबूती से प्रस्तुत किया। उन्होंने स्थानीय विरासत को सम्मानित करते हुए अलीनगर का नाम बदलकर सीतानगर रखने का प्रस्ताव दिया। यह कदम मिथिला क्षेत्र में माता सीता के प्रति गहरी श्रद्धा को ध्यान में रखते हुए उठाया गया।
जमीनी स्तर पर जनता से जुड़ाव
उन्होंने जमीनी स्तर पर लोगों से मुलाकात की और उनके साथ बातचीत की, यह कहते हुए कि “मैं अपने लोगों की बेटी के रूप में उनकी सेवा करूंगी।” यह संदेश अलीनगर, तारदीह, घनश्यामपुर और मोतीपुर पंचायत जैसे ग्रामीण ब्लॉकों में बहुत प्रभावी साबित हुआ।
संगीत और सांस्कृतिक योगदान
मैथिली ठाकुर केवल एक राजनेता नहीं हैं, बल्कि वह भारतीय लोक संगीत की एक प्रमुख आवाज हैं। वह हिंदी, बंगाली, मैथिली, उर्दू, मराठी, भोजपुरी, पंजाबी, तमिल और अंग्रेजी सहित कई भाषाओं में गाती हैं। उन्होंने अपने भाइयों ऋषव और आयची के साथ मिलकर देश-विदेश में कई कार्यक्रमों में प्रस्तुति दी है।
राष्ट्रीय पुरस्कार और सम्मान
मैथिली ठाकुर को 8 मार्च 2024 को प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय क्रिएटर्स अवार्ड में “कल्चरल एंबेसडर ऑफ द ईयर” पुरस्कार से सम्मानित किया। 2021 में उन्हें संगीत नाटक अकादमी से उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार भी मिला। 2019 में उन्हें और उनके भाइयों को चुनाव आयोग ने मधुबनी का ब्रांड एंबेसडर बनाया।
सोशल मीडिया पर मजबूत पकड़
मैथिली ठाकुर की अनुमानित नेट वर्थ 7 करोड़ से 10 करोड़ रुपये के बीच बताई जाती है। यूट्यूब और इंस्टाग्राम पर उनके लाखों फॉलोअर्स हैं। उनके लोक गीतों के वीडियो को करोड़ों बार देखा गया है, जो उनकी लोकप्रियता का प्रमाण है।
उनकी डिजिटल उपस्थिति ने उन्हें युवा वोटर्स के बीच एक अलग पहचान दिलाई। BJP ने इसी लोकप्रियता को ध्यान में रखते हुए मिथिलांचल में युवा मतदाताओं से जुड़ने के लिए उन्हें टिकट दिया।
राजनीतिक चुनौतियां और भविष्य
मैथिली ठाकुर की जीत निश्चित रूप से ऐतिहासिक है, लेकिन उनके सामने कई चुनौतियां भी हैं। अलीनगर जैसे पिछड़े क्षेत्र में विकास लाना आसान काम नहीं है। बुनियादी ढांचे की समस्याएं, बाढ़ की समस्या, उच्च शिक्षा की सुविधाओं की कमी जैसे मुद्दे हैं जिन पर उन्हें काम करना होगा।
25 साल की उम्र में बड़ी जिम्मेदारी
मैथिली ठाकुर ने खुद कहा है कि वह साबित करना चाहती हैं कि 25 साल की महिला विधायक भी उतनी ही तेजी से काम कर सकती है या उससे भी तेज। उन्होंने विकास कार्यों को प्राथमिकता देने का वादा किया है और अलीनगर को नई ऊंचाइयों तक ले जाने का संकल्प लिया है।
मैथिली ठाकुर के करियर से सीख
मैथिली ठाकुर की कहानी हर युवा के लिए प्रेरणादायक है। एक छोटे से गांव से निकलकर राष्ट्रीय स्तर की गायिका बनना और फिर राजनीति में सफल होना आसान नहीं था। उन्होंने कई बार रियलिटी शो ऑडिशन में रिजेक्शन का सामना किया, छह बार अलग-अलग शो में टॉप 20 में पहुंचने के बाद भी अस्वीकार कर दिया गया। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और अपनी मेहनत से सफलता हासिल की।
जमीनी स्तर से जुड़ाव जरूरी
मैथिली ठाकुर की जीत बताती है कि राजनीति में सफल होने के लिए जमीनी स्तर पर लोगों से जुड़ाव जरूरी है। उन्होंने अपनी सांस्कृतिक पहचान और लोक संगीत के माध्यम से लोगों के दिलों में जगह बनाई। यह एक महत्वपूर्ण सबक है कि राजनीति में सफलता के लिए केवल पार्टी का नाम या पैसा ही काफी नहीं है, बल्कि लोगों का विश्वास जीतना भी जरूरी है।
मैथिली ठाकुर से जुड़े रोचक तथ्य
मैथिली ठाकुर का परिवार संगीत से गहराई से जुड़ा हुआ है। उनके दोनों भाई ऋषव तबला बजाते हैं और आयची गायन के साथ-साथ परकशन भी बजाते हैं। तीनों मिलकर एक संगीत ट्रायो बनाते हैं जो भारतीय भक्ति और लोक शैलियों पर केंद्रित है।
मैथिली ठाकुर ने मधुबनी कला को बढ़ावा देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने अपने संगीत में मधुबनी कला के तत्वों को रचनात्मक रूप से शामिल किया है और यूट्यूब और इंस्टाग्राम जैसे मंचों का उपयोग करते हुए इस पारंपरिक लोक कला को व्यापक दर्शकों तक पहुंचाया है।
आगे की राह
मैथिली ठाकुर की जीत बिहार की राजनीति में एक नए युग की शुरुआत का संकेत है। युवा, प्रतिभाशाली और जमीनी स्तर से जुड़े लोग अब राजनीति में आगे आ रहे हैं। यह बदलाव बिहार के विकास के लिए सकारात्मक संकेत है।
अब देखना यह होगा कि मैथिली ठाकुर अपने वादों को कैसे पूरा करती हैं और अलीनगर के विकास में क्या योगदान देती हैं। उनकी यात्रा निश्चित रूप से बिहार के युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी और साबित करेगी कि मेहनत, प्रतिभा और जनता का विश्वास जीतकर कोई भी व्यक्ति बड़े लक्ष्य हासिल कर सकता है।
FAQs
1. मैथिली ठाकुर कौन हैं और वह क्यों चर्चा में हैं?
मैथिली ठाकुर एक लोक गायिका हैं जो 25 साल की उम्र में बिहार की सबसे युवा विधायक बनी हैं। उन्होंने अलीनगर सीट से BJP के टिकट पर चुनाव जीता है।
2. क्या मैथिली ठाकुर ने इंडियन आइडल में भाग लिया था?
हां, मैथिली ठाकुर ने 2015 में इंडियन आइडल जूनियर में भाग लिया था। इसके बाद उन्होंने 2017 में राइजिंग स्टार में भी हिस्सा लिया और रनर-अप बनीं।
3. मैथिली ठाकुर ने राजनीति में कब प्रवेश किया?
मैथिली ठाकुर ने अक्टूबर 2025 में औपचारिक रूप से BJP में शामिल हुईं और 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में अलीनगर सीट से पहली बार चुनाव लड़ा और जीत हासिल की।